Farishta
Monday, May 2, 2011
Tuesday, December 7, 2010
सुर्ख लब..
गिरा दो ये चिलमन नकाब किसने माँगा है..
दो धड़कने मुन्तजिर बन जाए..
हिसाब किसने माँगा है !!
हरेक जिस्म पे रंगत..
हरेक पर वस्ल का सुरूर..
पोशीदा लबो को टकराने दो..
आज..
लिहाज़ किसने माँगा है !!
Friday, October 1, 2010
तेरे नैना..मद्धम मद्धम
दो जहां से भी रोशन जहां हो तुम !!
सितारों की भी रौशनी आज थम जाएगी..
चांदनी भी यहाँ आ कर जम जाएगी..
यू न देखो किसी को कभी गौर से..
चलती नब्जे किसी की भी थम जाएगी !!
Wednesday, September 29, 2010
Tuesday, September 14, 2010
Friday, September 10, 2010
नाजुक काँटे ..
ज़िन्दगी की बिखरती मौजों में कही..
वो किनारा मेरा छूट कर रह गया !!
मेरा रहबर कही रूठ कर रह गया !!
उसने मुझसे कहा टूट कर मत जियो..
बस इसी बात पर टूट कर रह गया !!
मेरे ज़ज्बात समझेगे क्या ये पुतले कभी..
अब यही सोच कर बस मै चुप रह गया !!
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