Sunday, August 29, 2010

इक फ़रियाद


उस बुझ गए चराग़ में रौशनी कर दे !!
ऐ ख़ुदा..
मेरी मौत अभी मुल्तवी कर दे!!


भटके हुए मुसाफिर को मिल सके मंजिल !!
इस बार..
सूनी रात में चांदनी कर दे!!


 
जिस फ़रिश्ते से बिछड़े हुए सदिया गुजर गयी !!
इक बार..
बस दीदार का य़की कर दे !!

Friday, August 27, 2010

कुछ सुलझे जवाब जो जलते रहे..धीरे धीरे..

सुलझे मन का क्या दू वर्णन..
सुलझन; व्यापित उलझन है !!


क्या दे पता वो मन जिसमे..
जिसमे उधड़ा हर छोर अगम है !!


जो बिम्ब लगे तुमको कोमल..
वो विधु का रूप विषम है..
श्रापित किरणों से झुलसी..
कोई तममय विरहन है..
क्या शीतलता देती तन को..
जब उसमे लगी अगन है !!

मदिरा ही दे पाए वो तुमको..
जिनका पीयूष धोतम है !! 


तुम आकुल हो जिन प्रश्नों के..
ये कुछ उनके उत्तर है !!

मन के कोनो से ही उठता..
कोई कल्पित संगम है !!

कैसे वो करे तृप्त जीवन जो आतृप्त स्वयं है..!!

Wednesday, August 25, 2010

एक सवाल जिसे कई साल बीत गए..

एक सुलझे मन का सानिध्य पा फिर..
आज उलझा सा इक मन है !!
 
विधु के कोमल बिम्ब को पा फिर..
आज सुलगा सा एक तन है!!

अलि ने नवकुंजो  से लाकर..
कौन सा यह रस घोल दिया..
रस की मदिरा में घुल कर भी..
क्यों आतृप्त वही जीवन है ??  

Tuesday, August 24, 2010

बूँद

एक बूँद को मुकम्मल जर्रे की तलाश है..
है प्यास उसकी आँखों में और बिखरने की आस है!!

रत जगे करके कुरेदना लाज़मी तस्वीर जेहन में..
लोगो से बेसक सुना था ये प्यार का एहसास है!!

वो कहने लगे है हमसे अब बिछ्ड़ेगे न कभी.. 
ऐ खुदा लगने लगा है क़यामत के दिन पास है!!

Saturday, August 21, 2010

ख्वाब..

कुछ ख्वाब हकीकत में बदल जाते है..
कुछ को हकीकत में बदलने का ख्वाब होता है!!

मैंने भी एक ख्वाब देखा है..
जो साँस लेता है मेरी सांसो में..
की
बहते हुए सूरज से पूछू..
सेहर का आलम!!
गिरते दरख्त से पूछू..
वो दिन बहार के!!
फूलो से पूछू..
की वो रंगत किधर गयी??

शायद ये भी खुशनुमा थे हमारी ही तरह
शायद ये भी कभी हँसते थे..
शायद इनका भी दिल टूटा है
हमारी ही तरह!!